Showing posts with label Media. Show all posts
Showing posts with label Media. Show all posts

लड़कियों की जगह बिस्तर पर देखने वाले हिंदुओं... कुछ इस तरह से संबोधित किया आरफा खानम शेरवानी ने

October 16, 2020

आप सबको जैसा कि पता है कुछ दिन पहले तनिष्क ज्वेलरी ने तनिष्क एकत्वम पर एक वीडियो जारी किया था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ और इसको बॉयकॉट करने की ट्विटर पर मुहिम चल पड़ी थी. जिसके बाद तनिष्क ने एक बयान जारी करते हुए वीडियो को हटाने की बात कही और लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी भी मांगा था. इस विवाद पर लिबरल गैंग और एनडीटीवी द्वारा सांप्रदायिक फेक न्यूज़ फैलाई गई और हिंदुत्व पर तरह-तरह के निशाने साधे गए. अब इस मुहिम में The Wire की तथाकथित जर्नलिस्ट आरफा खानम शेरवानी ने मोर्चा संभाला है और काफी घटिया शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्होंने सत्य सनातन धर्म पर उंगली उठाई है.


आरफा खानम शेरवानी का ये घटिया मार्ग उनकी कट्टर मानसिकता को दर्शाता है :

तनिष्क के वीडियो पर जारी विवाद आरफा खानम शेरवानी ने ऐसा घटिया मार्ग चुना जिसको देखकर किसी भी धर्म का व्यक्ति आगबबूला हो सकता है. विरोध करना अलग बात होती है लेकिन ऐसे घृणित शब्दों का चयन ऐसे घटिया पत्रकारों से ही किया जा सकता है आपको बता दें कि इस विवाद पर आरफा खानम शेरवानी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि :-  

“लड़की को माँ की कोख में मार देने वाले, दहेज के नाम पर ज़िंदा जला देने वाले, लड़की की ‘सही’ जगह रसोई व बिस्तर के परे न देख पाने वाले कैसे बर्दाश्त करेंगे, एक मुस्लिम घर में हिंदू बहू को प्यार-सम्मान मिले और उसकी पहचान भी सुरक्षित रह पाए. ये लड़कियों के, उनकी आज़ादी के दुश्मन हैं.”  अब आप खुद आरफा खानम शेरवानी की घटिया मानसिकता के बारे ने विचार कीजिए कि इन्होंने अपने अंदर कितनी नफरत पाल रखी है किसी एक धर्म के लिए. अगर इस्लाम के विरूद्ध किसी ने ऐसे शब्दों का चयन की होता तो शायद अभी तक उसके खिलाफ सैकड़ों फतवे निकल गए होते. आरफा खानम की कोशिश इस ट्वीट में हिन्दुओं के प्रति अपनी भड़ास निकालने की थी, यह बात छुपी हुई नहीं है. लेकिन उनके इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि आरफा का यह ट्वीट तो खुद उन्हीं के मजहब यानी, इस्लाम पर हमला है.

आरफा खानम शेरवानी को उनके है अंदाज में ट्विटर यूजर्स ने आईयना दिखया :

नाम के एक ट्विटर यूजर ने आरफा खानम के ट्वीट के जवाब में इस्लाम की पवित्र पुस्तक ‘कुरान’ की ही एक पंक्ति का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया जिसमें इस्लाम के  को महिलाओं और उनकी सेक्सुएल्टी पर अधिकार के निर्देश दिए गए हैं –

PureWoke नाम के एक टि्वटर यूजरने आरफा खानम के ट्वीट पर जवाब देते हुए इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की एक पंक्ति का स्क्रीनशॉट लेकर ट्वीट किया, जिसमें इस्लाम की सच्चाई और आरफा खानम को आईना दिखाने के लिए कुछ पंक्तियां लिखी हुई थी. उस स्क्रीनशॉट में इस्लाम के अनुयायियों को महिलाओं और उनकी सेक्सुअलिटी पर अधिकार के निर्देश बताए गए थे :-

 


अपने बेशर्मी भरे ट्वीट के बाद आरफा खानम शेरवानी सफाई देती नजर आ रही हैं :

आपको बता दें कि आरफा खानम द्वारा किया गया यह ट्वीट पूरी तरह से उनके खिलाफ चला गया जहां लोगों ने उनको याद दिलाया कि उनका यह ट्वीट पूरी तरह से किसी धर्म के खिलाफ है जिसमें वह सिर्फ और सिर्फ जहर उगल रही है इस ट्वीट के बाद आरफा खानम शेरवानी लगातार सफाई देती नजर आ रही है और कह रही है कि उनका ऐसा विचार नहीं था इस ट्वीट पर सफाई देते हुए आरफा खानम ने लिखा कि :-

पितृसत्ता को जब चोट लगती है तो वो धार्मिक बँटवारे का सहारा लेती है। ऊपर वाली ट्वीट किसी भी तरह हिंदू धर्म पर टिप्पणी नहीं है। बल्कि उस सोच पर है जो एक महिला को उसकी मर्ज़ी का जीवन जीने, जीवनसाथी चुनने के अधिकार से वंचित करती है, और महिला के शरीर व सेक्सुएलिटी पर क़ब्ज़ा चाहती है।”



 

बहुसंख्यक की हत्या पर लगातार बड़ी-बड़ी समाचार एजेंसी हिंदू शब्द गायब कर देती है आखिर यह दोगलापन क्यूं ?

October 12, 2020
अक्सर जब भी हम देश की राजनीति या संविधान की बात करते हैं तो उसमें चौथा स्तंभ मीडिया को माना जाता है. लेकिन बदलते समय के साथ मीडिया बिकाऊ हो चुका है. जहां हर तरफ पैसों की राजनीति हो रही है, वही गंदगी अब मीडिया में भी आ चुकी है. आज के तत्कालीन समय में हम देखें तो भारत की 70% से 80% मीडिया हाउस देश में सिर्फ और सिर्फ भड़काऊ या झूठी खबर दिखा रही है. जहां एक तरफ माना जाता है कि मीडिया के लिए कोई खबर छोटी या बड़ी नहीं होती, कोई धर्म छोटा या बड़ा नहीं होता, मीडिया के लिए हर एक तबका, हर एक समाज, हर एक धर्म बराबर होते है और मीडिया सिर्फ समाज की भलाई और सच्चाई दिखाने के लिए जानी जाती है. किंतु आज ऐसा वक्त आ गया है कि हमारे देश की मीडिया समाज में सिर्फ और सिर्फ जहर उगलने, झूठी खबरें दिखाने का काम कर रही है और वो भी खासकर बहुसंख्यक हिंदू समाज के विरुद्ध.

Image Credit : Google


बीते दिनों दिल्ली में प्रेम प्रसंग मामले में एक हिंदू युवक की हत्या मुस्लिमों द्वारा कर दी गई थी :
अगर आपको जानकारी हो तो हाल ही में बीते दिन राजधानी दिल्ली में एक 18 साल के मासूम को पीट-पीटकर मार दिया गया था, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि वह मुस्लिम समाज की एक लड़की से प्यार करता था. आपको बता दें कि मोहम्मद अफरोज और मोहम्मद राज ने अपने साथियों के साथ मिलकर 18 वर्ष के राहुल की बेरहमी से पीट पीट कर हत्या कर दी थी. खबर के अनुसार आरोपित मुस्लिम युवक अफरोज को अपनी 16 साल की नाबालिक बहन के एक हिंदू युवक राहुल के साथ प्रेम प्रसंग पर आपत्ति थी और सिर्फ इसीलिए इस वारदात को अंजाम दिया गया. अब आते हैं अहम मुद्दे पर जिस पर आज हमारे खबर की टैगलाइन है इस घटना के बाद तमाम बड़ी मीडिया ग्रुप्स ने खबर प्रकाशित की किंतु खबर के मूल तथ्यों को छिपा दिया. आपको बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे और आज तक जैसी बड़ी-बड़ी समाचार एजेंसियों ने इस पर खबर प्रकाशित की. किंतु अपनी हेड लाइन में इन एजेंसियों ने आरोपियों की पहचान को आगे नहीं रखा, ना ही हत्या की असल वजह को बताया और ना ही मृतक की पहचान बताई गई.

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार इन समाचार एजेंसियों ने नहीं किया है, अगर हम तीन-चार वर्ष पहले की बात करें तो ऐसी हरकत सिर्फ द हिंदू, एनडीटीवी, बिबिसी जैसी समाचार एजेंसी ही किया करती थी. लेकिन अब इस लिस्ट में और भी समाचार एजेंसियां शामिल हो गई है. हंसी तो तब आती है जब किसी अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति की हत्या या उत्पीड़न जैसे मामले सामने आते हैं तो यह समाचार एजेंसियों हर जरूरी से जरूरी तथ्यों को समाज के सामने रखती हैं, भले ही उन तथ्यों से समाज में दंगे जैसी स्थिति ही क्यों ना उत्पन हो जाए. किंतु जब वही बहुसंख्यक व्यक्ति की हत्या होती है तब यह समाचार एजेंसीया खबरों की हेडलाइन को ही बदल देती है और तथ्यों को तोड़ मरोड़ के समाज के सामने पेश करती हैं.

इंडिया टुडे खबरों की हेडलाइंस बदलने में और झूठी खबर दिखाने में लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रहा है:
आपको जानकर हैरानी होगी कि बीते दिन दिल्ली में 18 वर्ष के हिंदू युवक की हत्या पर इंडिया टुडे ने खबर प्रकाशित की और अपनी खबर की हैडलाइन में इंडिया टुडे ने लिखा कि मरने वाला व्यक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र था, जिसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, इसकी वजह थी एक लड़की की दोस्ती. अब आप खुद सोचिए इस हेड लाइन में ना तो लड़के का धर्म बताया गया और ना ही हत्या करने वाले व्यक्ति के मजहब के बारे में जानकारी दी गई, साथ ही साथ इस प्रेम प्रसंग को दोस्ती का नाम बता दिया गया.

Image Credit : Screenshot From The Source
चलिए कुछ देर के लिए मान लेते हैं कि इंडिया टुडे ने खबर की हैडलाइन सिर्फ इसलिए बदली ताकि समाज में दंगे जैसी स्थिति ना उत्पन्न हो और भाईचारा बना रहे. किंतु यह सारी बातें झूठी और धुंधली साबित हो जाती है, जब हम इंडिया टुडे के 2019 के जून के महीने में झारखंड में स्थित खारसवान जिले वाली खबर पर नजर डालते हैं. जहां एक युवक को बुरी तरह पीट-पीटकर मार दिया गया था, इस खबर में इंडिया टुडे के हेड लाइन में मजहब भी था और पिटाई की तथाकथित वजह भी और साथ ही साथ खबर को पूरे तथ्यों के साथ पेश किया गया था. अब यह समझ पाना मुश्किल है कि दो अलग-अलग समाज के लिए अलग-अलग हेडलाइन क्यूं ?

इंडियन एक्सप्रेस का भी रंग पहचान ले जो मजहब के आधार पर खबर की हेडलाइन देता है :
अब बात करते हैं इंडियन एक्सप्रेस की जो कि देश का एक जाना माना समाचार एजेंसी है, यह समाचार एजेंसी भी खबरों की हेडलाइंस के साथ धर्म और मजहब देखकर खेलता है. आपको बता दें कि दिल्ली में 18 साल के हिंदू छात्र के हत्या मामले पर इंडियन एक्सप्रेस ने खबर प्रकाशित की. आपको जानकर हैरानी होगी कि इंडियन एक्सप्रेस ने इंडिया टुडे से एक कदम आगे बढ़कर इस घटना में मृतक को छात्र तक भी नहीं बताया और शीर्षक में लिखा गया "किल्ड ओवर ओमेन" यानी महिला की वजह से हत्या. अब यहां महिला कौन थी, हत्या करने वाला कौन था और जिसकी हत्या हुई वह कौन था इसके बारे में किसी भी तरह की हेड लाइन में जानकारी नहीं दी गई.

Image Credit : Screenshot From The Source
अब चलिए हम फिर से एक बार इंडियान एक्सप्रेस के लिए भी मान लेते हैं कि समाज में भाईचारे का सद्भाव देखते हुए ऐसी हैडलाइन दी होगी, किंतु जब हम इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित खबर साल 2018 के अप्रैल महीने में झारखंड के गुमला जिले स्थित सोसो गांव की बात करते हैं जहां एक युवक की तीन युवकों ने हत्या कर दी थी. तब इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर की हेड लाइन में मजहब बताया था, साथ ही साथ इंडियान एक्सप्रेस ने घटना का कारण भी बताया कि एक नाबालिग लड़की से रिश्ते के चलते अन्य मजहब के युवक की हत्या कर दी गई थी.

हिंदुस्तान टाइम्स भी ऐसी घटिया हरकत करने में पीछे नहीं रहा :
ऐसा ही हाल कुछ हिंदुस्तान टाइम्स का भी रहा जिसने अपनी खबर के शीर्षक में राहुल की हत्या के बारे में हेड लाइन देते हुए लिखा कि उसकी हत्या लड़की के परिजनों ने की, जिससे उसका संबंध था. यहां भी खबर के मूल तथ्यों को छिपाया गया कि हत्या करने वाले कौन थे और किस मजहब के थे. लेकिन वही जब हम साल 2018 के मई महीने में राजस्थान के बीकानेर जिले में घटित घटना पर नजर डालते हैं, जहां एक युवक की हत्या कर दी गई थी. तो उस खबर में हिंदुस्तान टाइम्स ने मरने वाले युवक का मजहब, मारने वालों का धर्म और यहां तक की खबर के तथ्यों की पूर्ण जानकारी दी थी. अब भगवान ही जाने यह दोगलापन धर्म और मजहब के आधार पर यह समाचार एजेंसीया कहां से लाती हैं.

Image Credit : Screenshot From The Source
पहले भी धर्म के नाम पर इन समाचार एजेंसियों ने अपने खबर की हेड लाइन के साथ खेल खेला है :
बीते 2 वर्ष पहले भी अंकित सक्सेना के हत्या वाली घटना में इंडिया टुडे ने हत्या पर पर्दा डालने की कोशिश की थी. अगर आपको याद हो तो अंकित सक्सेना को उसकी प्रेमिका शहज़ादी के परिवार वालों ने सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि मुस्लिम लड़की का परिवार इनके रिश्ते से नाराज था. आपको बता दें कि 2018 की उस घटना में शहज़ादी की मां ने अपनी स्कूटी से धक्का देकर अंकित को गिराया था जिसके बाद शहजादी के पिता ने अंकित के गले को चाकू से रेत डाला था. उस वक्त भी "इंडिया टुडे" ने हेडलाइंस में धर्म और नाम छिपाने की कोशिश की थी. 

Image Credit : Screenshot From The Source
अगर आपको याद हो तो बीते कुछ वर्ष पहले चंदन गुप्ता नाम के एक नौजवान युवक की हत्या 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान कर दी गई थी. इस खबर में भी इन तमाम समाचार एजेंसियों ने अपनी प्रकाशित खबरों में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर रखने का प्रयास किया था. उस वक्त भी आज कि दिल्ली की खबर की तरह खबर कि  हेडलाइन में यह स्पष्ट नहीं बताया गया था कि जिसकी हत्या हुई वह कौन था और हत्यारे कौन थे और उनका नाम क्या था ? ये इंडिया टुडे, एनडीटीवी, इंडियन एक्सप्रेस और अन्य जैसे चैनल एक एजेंडे पर चलते हैं जिसमें यह टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन करते हैं और देश को तोड़ने वाली रिपोर्टिंग और राजनीति करते हैं.
Image Credit : Screenshot From The Source

आज तक ने रिपोर्टिंग की साड़ी घटिया हदें पार की राजस्थान में पुजारी की हत्या को बताया आत्मदाह पढ़े रिपोर्ट

October 11, 2020

जैसा की आप सबको पता है बीते दिन राजस्थान के करौली स्थित बुकना गांव में एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया जिसमें एक पुजारी को 5 लोगों ने पेट्रोल छिट कर जिंदा जला कर मार दिया. आपको बता दें कि यह घटना जमीन विवाद के कारण अंजाम दी गई. जिसके बाद पुजारी के परिवार सहित उनके समर्थन में हजारों की संख्या में लोग राजस्थान की तत्कालीन कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. पुजारी के परिवार ने सरकार का विरोध करते हुए मुआवजे, एक सरकारी नौकरी और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की.

Image Credit : Google
हाथरस के बाद राजस्थान के करौली वाले घटना में भी आजतक ने की निंदनीय रिपोर्टिंग :

आप सबको पता है बीते कुछ दिनों से हाथरस का मुद्दा काफी गर्म था, हाथरस के मुद्दे में तमाम मीडिया चैनल्स ने हर तरह की झूठी मनगढ़ंत कहानी फैलाने की कोशिश की. अगर आपको याद हो तो "इंडिया टुडे" के स्वामित्व वाले हिंदी समाचार चैनल "आज तक" ने हाथरस पर हर तरह की वह निंदनीय हरकत की जो एक मीडिया चैनल को नहीं करनी चाहिए थी और शायद यही कारण रहा कि हाथरस में आज तक की सीनियर पत्रकार श्वेता सिंह को आज तक मुर्दाबाद के नारे सुनने पड़े. अब फिर से एक बार आजतक ने अपना वही रंग दिखाते हुए राजस्थान की इस घटना पर गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इसका इल्जाम डाल दिया. इसके अलावा समाचार चैनल ने इस घटना पर झूठी पत्रकारिता करते हुए यह निष्कर्ष निकाला कि मंदिर के पुजारी की हत्या नहीं की गई थी, बल्कि पुजारी ने खुद आत्मदाह करके खुद को जलाया था.

आपको बता दें कि इस घटना को लेकर राजस्थान के करौली गांव से आज तक पर एक संवाददाता रिपोर्टिंग कर रहा था और उसी बीच संवाददाता पुजारी की घर की ओर इशारे इशारा करते हुए कहता है कि, "यह पीएम मोदी के आवास योजना के पीछे का कड़वा सच है". आजतक का संवाददाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलते हुए अपना हमला जारी रखता है और कहता है कि, "झोपड़ी की बदहाल स्थिति की वजह से पुजारी ने आत्मदाह किया था". साथ ही साथ रिपोर्टर कहता है कि, "यह संभव लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना के तहत सभी को उचित आवास उपलब्ध कराने का सपना कभी सच होगा."

राजस्थान के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है आज तक:

आज तक की रिपोर्टिंग देखकर ऐसा महसूस होता है कि कहीं ना कहीं इस घटना पर "इंडिया टुडे" का चैनल "आज तक" कहीं ना कहीं राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार तथा कांग्रेस को बचाने का प्रयास कर रहा है और शायद यही कारण है कि हाथरस से लेकर राजस्थान के करौली गांव तक "आज तक" की झूठी रिपोर्टिंग बंद नहीं हो रही है.

आपको बता दें कि आजतक का रिपोर्टर एक डिबेट के दौरान भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर से उनके कर्तव्यों को लेकर सवाल करता है. आजतक का रिपोर्टर राज्यवर्धन सिंह से पूछता है कि, "क्या यह भाजपा और केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है कि वह प्रत्येक नागरिक को उचित घर प्रदान करें". साथ ही साथ आजतक का रिपोर्टर यह सवाल करते हुए इस घटना का निष्कर्ष निकाल कहता है कि अगर पुजारी को भाजपा सरकार द्वारा रहने के लिए एक उचित घर मुहैया कराया गया होता तो आज पुजारी नहीं मरता. साफ तौर पर आज तक के रिपोर्टर की रिपोर्टिंग देखकर पता चलता है कि वह इस घटना की आड़ में कांग्रेस को बचाना और जनता को गुमराह कर रहा है.

आपको बता दें कि इंडिया टुडे के लिए यह निंदनीय हरकत कोई नई बात नहीं है. बल्कि इससे पहले भी इंडिया टुडे ने अपनी निंदनीय पत्रकारिता के जरिए अपना एजेंडा बढ़ाने की कोशिश करता रहा है. हाल ही में इंडिया टुडे का टीआरपी घोटाले में भी नाम उजागर हुआ है जहां इंडिया टुडे चैनल को देखने के लिए लोगों को रिश्वत देने का आरोप है.

बीते दिन 18 वर्षीय राहुल की क्रुर हत्या में भी इंडिया टुडे ने कि झूठी रिपोर्टिंग :

दिल्ली के आदर्श नगर में मुस्लिम समुदाय की युवती से प्रेम प्रसंग के मामले में 18 वर्षीय दलित युवक राहुल की क्रुर हत्या में "इंडिया टुडे" तथा इसी के चैनल "आज तक" ने इससे प्रेम प्रसंग की बजाए दोस्ती बताया और हर एक पहलू का विवरण देने की कोशिश की. किंतु हर बार की तरह इस बार भी बड़ी शातिर तरीके से इंडिया टुडे और आज तक ने अपनी हेड लाइन में आरोपियों का नाम और धर्म उजागर करना भूल गया और इस घटना में किसी तरह के प्रेम संबंध का उल्लेख ना करते हुए इसे दोस्ती करार दे दिया, ताकि अंतर धार्मिक प्रेम संबंध का विवरण देने से बचा जा सके. वहीं अगर यह घटना किसी बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय पर की गई होती तो "इंडिया टुडे" और "आज तक" मोटे मोटे अक्षरों में बहुसंख्यक समुदाय का धर्म और नाम उजागर करता.

अंकित सक्सेना वाले केस में भी इंडिया टुडे ने की थी झूठी रिपोर्टिंग :

बीते 2 वर्ष पहले भी अंकित सक्सेना के हत्या वाली घटना में इंडिया टुडे ने हत्या पर पर्दा डालने की कोशिश की थी. अगर आपको याद हो तो अंकित सक्सेना को उसकी प्रेमिका शहज़ादी के परिवार वालों ने सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि मुस्लिम लड़की का परिवार इनके रिश्ते से नाराज था. आपको बता दें कि 2018 की उस घटना में शहज़ादी की मां ने अपनी स्कूटी से धक्का देकर अंकित को गिराया था जिसके बाद शहजादी के पिता ने अंकित के गले को चाकू से रेत डाला था. उस वक्त भी "इंडिया टुडे" ने हेडलाइंस में धर्म और नाम छिपाने की कोशिश की थी. ये इंडिया टुडे एनडीटीवी जैसे चैनल एक एजेंडे पर चलते हैं जिसमें यह टुकड़े टुकड़े गैंग का समर्थन करते हैं और देश को तोड़ने वाली रिपोर्टिंग और राजनीति करते हैं.

अगर समय पर वैक्सीन नहीं आई तो कोरोना से मौत का आंकड़ा हो सकता है 20 लाख से ज्यादा, पढ़े ये रिपोर्ट

October 10, 2020
आज कोरोना ने पूरे विश्व में अपना कहर मचा रखा है, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बीमारी से अब तक तकरीबन 10 लाख से ज्यादा लोगो की जान जा चुकी है. अब इसी बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ की तरफ से एक नई चेतावनी जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि जब तक बड़े स्तर पर कोरोना वायरस की सफल वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाती है तब तक इस बीमारी से 20 लाख लोगों की जान जा सकती है. साथ ही साथ डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अगर इस महामारी से दुनिया भर के देशों को मिलकर लड़ना होगा अगर ऐसा नहीं होता है तो मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

Image Credit : Google
वैक्सीन की उपलब्धता जरूरी वरना बढ़ेगा मौतों का आंकड़ा :
आपको बता दें कि बीते दिन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आपातकालीन कार्यक्रमों के निदेशक माइक रेयान ने बताया कि जब तक ये महामारी रहेगी और जब तक वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होगी तब तक इस बीमारी से 20 लाख मौतें काल्पनिक नहीं है. यह दुखद है, लेकिन ऐसा हो सकता है. माइक रेयान ने आगे कहा कि अभी तक इस बीमारी से तकरीबन 10 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और अगर लोग और अन्य देश इस बीमारी से साथ मिलकर सामना नहीं करते हैं तो मौतों का आंकड़ा 20 लाख से ज्यादा भी हो सकता है.

कोरोना संक्रमण से 20 लाख मौत होना असंभव नहीं : माइक रेयान :
माइक रेयान ने चेतावनी देते हुए कहा कि पिछले कुछ समय से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज बेहतर हुआ है, इसलिए इस बीमारी से मरने वालों की संख्या में कमी आएगी .... लेकिन इस बीमारी से वैक्सीन आने तक 20 लाख मौतें होना असंभव नहीं है. साथ ही माइक ने कहा कि बेहतर इलाज और सफल वैक्सीन की उपलब्धता ही मृतकों कि संख्या 20 लाख से पार जाने से रोक पाएगी. गौरतलब है कि कुछ देशों में इस महामारी की दूसरी लहर दस्तक दे चुकी है और वहां पर संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

अब तक इस बीमारी से 3.7 करोड़ लोग संक्रमण की चपेट में :
आपको बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की तरफ से यह कड़ी चेतावनी ऐसे बुरे वक्त में आई है जब इस बीमारी से दुनिया भर में तकरीबन 3.7 करोड़ लोग चपेट में आ चुके हैं, वहीं 10 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है.अगर सबसे ज्यादा संक्रमण की बात की जाए तो अभी तक अमेरिका, भारत और ब्राजील में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं. अभी तक तीनों देश मिलाकर कुल संक्रमितों का आंकड़ा 2 करोड़ से ज्यादा है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से यूरोप के भी कई हिस्सों में संक्रमण के मामले बढ़े है. रेयान ने यूरोपीय देशों का जिक्र करते हुए कहा कि उस इलाके में महामारी के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

अमेरिका भारत और ब्राजील में संक्रमण और मौतों की संख्या सबसे ज्यादा :
आपको बता दें कि अमेरिका भारत और ब्राजील में ही सबसे ज्यादा संक्रमण की संख्या पाई गई है और इन्हीं 3 देशों में सबसे ज्यादा मौतें भी हुई है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश अमेरिका रहा है, जहां संक्रमण की संख्या 80 लाख रही है और यहां लगभग 2.18 लाख लोगों की मौत हुई है. वहीं अगर हम भारत की बात करें तो भारत दूसरे स्थान पर है, यहां पर संक्रमण की संख्या 70 लाख रही है और मौत की संख्या 1.8 लाख हो चुकी है. तीसरे नंबर पर इस महामारी में ब्राजील है, जहां पर संक्रमण की संख्या तकरीबन 50 लाख है और यहां पर मौतों का आंकड़ा 1.50 लाख रहा है.

महामारी के रफ्तार बढ़ने का कारण युवाओं को जिम्मेदार ठहराना गलत : रेयान :
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आपातकालीन कार्यक्रमों के निदेशक माइक रेयान ने यह भी कहा कि हालिया के दिनों में कोरोना संक्रमण गिरफ्तार बढ़ने के लिए युवाओं की आबादी को जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल गलत है. दरअसल आपको बता दें कि दुनिया भर में लॉकडाउन और अन्य पाबंदियां हटने के बाद युवाओं की आवाजाही बढ़ी है जिसके लिए कई संगठन ने युवाओं को संक्रमण बढ़ने का जिम्मेवार ठहराया हैं. इस पर रेयान ने कहा कि इसकी जगह सभी उम्र के लोगों का किसी इंडोर जगह पर इकट्ठा होना महामारी को रफ्तार दे रहा है.

TRP फर्जीवाड़ा में रिपब्लिक का नाम नहीं इंडिया टुडे का नाम पढ़ें कल से लेकर अब तक की पूरी स्टोरी की एनालिसिस

October 08, 2020
फेक टीआरपी के लिए रिपब्लिक टीवी ने नहीं बल्कि इंडिया टुडे ने फर्जीवाड़ा किया :

आपको बता दें कि बीते दिन दोपहर को मुंबई पुलिस कमिश्नर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और बताते हैं कि कुछ मीडिया टीवी चैनल्स ने टीआरपी बटोरने के लिए फर्जीवाड़ा किया है. जिसमें मुंबई पुलिस कमिश्नर रिपब्लिक टीवी का भी नाम लेते हैं. जिसके बाद अर्णब गोस्वामी इन सभी आरोपों का खंडन करते हुए इस खबर को झूठ बताते हैं. लेकिन जैसे-जैसे बीते दिन की शाम ढलती है, वैसे ही यह खबर तूल पकड़ती जाती है. आपको बता दें कि अभी के ताजा खुलासे के अनुसार हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन दियोकर द्वारा फाइल की गई एफआईआर को रिपब्लिक टीवी ने एक्सेस किया है, जिसमें साफ तौर पर यह पता चलता है कि एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं बल्कि इंडिया टुडे का नाम है.


Image Source : Google 

हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी ने भी किया खुलासा
 
आपको बता दें कि रिपब्लिक टीवी के खबर के अनुसार मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाने के बाद हंसा रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी ने खुलासा किया है कि, "इंडिया टुडे तथा अन्य चैनलों ने उन्हें उकसाया और उन पैनल हाउसों को पैसे की पेशकश करने को कहा था जहां उन्होंने बार-ओ-मीटर सेट किए हैं".


Image Source : Republic Bharat


इतना ही नहीं विशाल भंडारी ने खुलासा करते हुए यह भी बताया कि विनय नाम के एक शख्स ने बीते वर्ष 2019 में 5 घरों में जाकर हर दिन इंडिया टुडे के समाचार को 2 घंटे देखने को कहा था. आपको बता दें कि रिपब्लिक टीवी बीते रात से एफआईआर की कॉपी के साथ लगातार इस खबर को जनता के सामने पेश कर रही है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विनय ने 5 घरों के लिए ₹5000 कमीशन भी बांटा था, यानी हर एक घर को ₹1000 दिए जाते थे. यह सब सिर्फ इसलिए किया जाता था ताकि नवंबर 2019 से मई 2020 तक इंडिया टुडे हर दिन के हिसाब से 2 घंटों के लिए देखा जाए.

Image Source : Republic Bharat

राहुल कंवल और राजदीप सरदेसाई और अन्य मीडिया ग्रुप ने इस झूठी खबर के मौके का पूरा फायदा उठाया :

मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सभी मीडिया चैनल्स झुंड बनाकर इस झूठी खबर को चलाने में लग गए और जब इस खबर की सच्चाई सबके सामने आई है तो, एक भी न्यूज़ चैनल इस झूठे खबर को सच्चाई के साथ नहीं दिखा रहा. वही रिपब्लिक टीवी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह पर मानहानि का मामला दर्ज करने की बात कही है. इन सबके बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भी ट्विटर पर इस झूठी खबर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर के प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया और लिखा असत्यमेव जयते. 

इस झूठी खबर के मौके का फायदा उठाते हुए अर्नब गोस्वामी के कट्टर विरोधी तथा इंडिया टुडे के सीनियर पत्रकार राहुल कंवल ने ट्वीट करते हुए अर्नब गोस्वामी पर निशाना साधा. साथ ही उन गरीब अनपढ़ लोगों के साथ अपनी संवेदनाएं जाहिर की जो इंग्लिश न्यूज़ चैनल को अपनी टीवी पर देखने के लिए पैसे लेते थे. राजदीप सरदेसाई ने भी बरी चलांकी के साथ इस झूठी खबर का ज़िक्र करते हुए रिपब्लिक टीवी का इस स्कैंडल में होने का जिक्र किया और ट्वीट करते हुए एक स्थानीय मराठी चैनल और एक मूवी चैनल के साथ रिपब्लिक टीवी का नाम जोड़ते हुए कहा कि मुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. लेकिन शायद राहुल कंवल को यह पता रहा होगा कि यह फर्जीवाड़ा रिपब्लिक टीवी नहीं बल्कि उनकी खुद की मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे ऐसा करती है.

इंडिया टुडे के रिपोर्टर को अर्नब गोस्वामी ने एक छोटी सी मुस्कुराहट के साथ विक्ट्री साइन दिखाया :

आपको बता दें कि इस खबर के सामने आने के बाद इंडिया टुडे के रिपोर्टर मुस्तफा शेख गाड़ी ड्राइव कर रहे अर्नब गोस्वामी के पास सवाल जवाब करने के लिए पहुंचे. मगर सबसे दिलचस्प बात यह रही कि अर्णब गोस्वामी ने इंडिया टुडे के रिपोर्टर को कोई जवाब देने के बजाय दो उंगलियों से विक्ट्री साइन दिखाया. 

जिसके बाद इंडिया टुडे का रिपोर्टर मुस्तफा शेख चिढ़ गया और बार बार अर्णब गोस्वामी से सवाल करने के लिए उनकी गाड़ी के पीछे-आगे करता रहा. लेकिन फिर भी अर्णब गोस्वामी ने वहां तमाम मीडिया कर्मी तथा इंडिया टुडे के रिपोर्टर को एक छोटी सी मुस्कुराहट के साथ विक्ट्री साइन दिखाते रहे. इस बेज्जती के बाद इंडिया टुडे ने दावा किया है कि उनके पत्रकार को अर्णब के बाउंसर ने उनसे अलग कर दिया था. मुस्तफा अरनव से बार-बार एक ही सवाल पूछ रहे थे अर्णब  हम आपसे सवाल कर रहे हैं कि, यह आसान सवाल है, अगर आपने गलत नहीं किया, आप बेकसूर हैं तो आप हमारे साथ ऐसा क्यों बर्ताव कर रहे हैं, यदि आप कह रहे हैं कि यह आपकी जीत है तो सवालों का जवाब दीजिए अर्णब.

मुंबई पुलिस कमिश्नर के कांफ्रेंस के बाद अर्णब गोस्वामी ने एक वीडियो भी जारी किया :

आपको बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अर्णब गोस्वामी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए हैं. क्योंकि हमने उनसे सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच से जुड़े कई सवाल किए थे. साथ ही साथ अर्णब ने मुंबई पुलिस कमिश्नर पर आपराधिक मानहानि का दावा करने की बात भी कही. अर्णब गोस्वामी ने वीडियो के माध्यम से यह भी बताया कि BARC ने ऐसी एक भी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल हो.

अर्नब गोस्वामी ने बताया कि मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा यह सिर्फ और सिर्फ निराशा में उठाया गया एक कदम है. क्योंकि रिपब्लिक टीवी ने पालघर मुद्दे, सुशांत सिंह के मुद्दे या इस तरह के किसी भी अन्य मुद्दे पर रिपोर्ट तैयार की. अर्नब गोस्वामी ने इस तरह निशाना बनाने की बातों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा संकल्प इससे और मजबूत होता है और सच की जमीन ठोश होती है. अर्णब गोस्वामी ने परमवीर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि तुम्हारी असलियत सामने आ गई है, क्योंकि BARC की रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का नाम कहीं नहीं है. साथी साथ अर्नब ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से आधिकारिक तौर पर माफीनामा लिखने की बात भी कही और अदालत में परमवीर सिंह को सामना करने के लिए तैयार रहने को भी कहा.

 

हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'IndicWing' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

HTML tutorialHTML tutorialHTML tutorialHTML tutorial


VineThemes
| Copyright © IndicWing | Sponsored by Bharatidea | Designed & Distibuted by Dmitri Tech |
VineThemes